Brahmakumaris Ambala
अगर भगवान है तो शैतान भी है!

कई बार हम यह वाक्य ऐसे बोलते हैं कि अगर भगवान है तो शैतान भी है, मानो भगवान और शैतान एक ही सिक्के के दो पहलू हो। पर विवेक तो यह कहता है कि अगर किसी जगह पर भगवान अर्थात World Highest Almighty Authority (सर्वशक्तिमान) है तो वहाँ शैतान जैसी नकारात्मक वस्तु सिर उठाकर देख भी न सके।
ऐसे ही हम बोल देते हैं कि भगवान कण-कण में है। पर इसके विपरीत विवेक यह कहता है कि भगवान का थोड़ा सा प्रकाश मात्र भी कण-कण मे होता तो इस कलयुगी तमोप्रधान सृष्टि का कण-कण अति सतोप्रधान सुखदायक होता जो है नहीं!
हमें अपने आप से यह प्रश्न करना चाहिए कि यह जो हम भगवान को शैतान के साथ जोड़ते हैं या भगवान को कण-कण में अर्थात सर्वव्यापी कहते हैं, यह हम भगवान की महिमा गाते हैं या अनजाने में भगवान की ग्लानी(insult) करते हैं?
अगर आपका विवेक मानता है कि भगवान जो अपने आप में सुख शांति के सागर हैं, वो तमोप्रधान दुखदाई कण-कण में नहीं हो सकते तो आज से ही हमे सर्व कल्याणकारी भगवान को अकल्याणकारी वस्तु और पदार्थों मे कहना अर्थात सर्वव्यापक कहना बंद कर देना चाहिए। अपितु आज की तारीख में अगर कोई कण-कण में या सर्वव्यापक है तो वो है रावण/शैतान/पाँच विकार।
ऐसी सृष्टि पर हम जानते हैं कि कोई देवी देवता भी पैर नहीं रखते। तो वो कौन हैं जो इस रावण/शैतान के राज्य को बदल पुनः राम राज्य की स्थापना करे जहाँ सिर्फ सुख और चैन हो?
इसी श्रेष्ठ बदलाव के लिए भगवान (जो सबसे ऊंच हैं) को रावण अर्थात शैतान के राज्य में आकर ही उसका खात्मा करना पड़ता है। फिर जब सुख होता है तब भगवान के आने की दरकार नहीं रहती। तो वो भगवान(देवी देवता नहीं) हैं जो पतित भ्रष्टाचारी दुनिया में अति धर्म ग्लानी के वक्त ही आते हैं और पावन दुनिया बनाकर सत्य धर्म की स्थापना करते हैं।
इस ईश्वरीय परिवर्तन कार्य को विस्तार से जानने के लिए अपने नज़दीकी ब्रह्माकुमारीज सेंटर पर आपका सदा स्वागत है।
ओम शांति।
Brahmakumaris Ambala
अंबाला कैंट में “मेरा देश मेरी शान” साईकल रैली का आयोजन

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Stress Management and Meditation by Brahma Kumaris at Indian Army 2 Corps Ambala Cantt

भारतीय सेना की महिलाओं के लिए आयोजित विशेष तीन दिवसीय प्रोग्राम में 350 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में तनाव मुक्ति, संबंधों में मधुरता, सकारात्मक चिंतन और राजयोग मेडिटेशन जैसे विषयों पर चर्चा की गई जिसे सभी ने बहुत ध्यान से सुना, सराहा और अपने जीवन में इनको अपनाने का संकल्प लिया।
Brahmakumaris Ambala
शास्त्रो में वर्णित आकाश वाणियों का सत्य अर्थ

अक्सर करके शास्त्रों में हम अलग-अलग आकाश वाणियों के बारे में सुनते व पढ़ते हैं। यह भी कहते हैं कि उनमे कुछ भविष्य वाणी होती थी।
अब सोचने वाली बात है कि आकाश तो एक तत्व मात्र है तो आकाश कैसे कुछ बोलकर भविष्य वाणी कर सकता है?
इस सवाल से हम शास्त्रो में वर्णित आकाश वाणियों की बात को नकार नहीं रहे पर हाँ, आकाश वाणियों के सत्य अर्थ को ज़रूर जानेंगे।
सबसे पहले आकाश वाणी मे जो भविष्य वाणी होती है, उसकी बात करते हैं, भविष्य + वाणी अर्थात् भविष्य के लिए उच्चारण की गई वाणी।
तो सच्ची-सच्ची भविष्यवाणी करने की अथॉरिटी और शक्ति एकमात्र परमात्मा के सिवाए और किसी मे हो नही सकती।
अब आकाश तत्व द्वारा ही यह भविष्य वाणी क्यों हुई? आकाश वाणी की जगह वायु वाणी, भूमी वाणी आदि जैसे शब्द क्यो नही कहे?
आकाश तत्व के महत्व मे एक और बात है कि जब भी कोई मनुष्य आत्मा ईश्वर को याद करती है तो उसकी नज़र सदा अकाश तत्व की तरफ जाती है। अब परमात्मा कोई आकाश तत्व मे नही रहते। असल मे 5 तत्व (भूमि, जल, अग्नि, वायु, आकाश) मे सबसे सूक्ष्म है आकाश तत्व पर एक छटा तत्व जो आकाश से भी कई गुणा ज़्यादा सूक्ष्म है वह है ब्रह्म महा-तत्व। यही ब्रह्म महा-तत्व वो जगह है जहाँ परमात्मा रहते हैं। यह ब्रह्म महा-तत्व आकाश से बहुत ऊपर है। क्योंकि वहाँ 5 प्राकृतिक तत्व नही है इसलिए 5 तत्व से बना शरीर वहाँ पहुँच नहीं सकता। तो परमात्मा जब इस सृष्टि पर आते हैं तो आकाश तत्व से होते हुए आयेंगे। अब वह आकर जो शरीर मुकर्रर करते हैं उस शरीर के मुख द्वारा हमे भविष्य नई दुनिया के लिए ज्ञान सुनाते हैं और जिस आत्मा का शरीर मुकर्रर करते हैं उसका नाम रखते हैं ब्रह्मा। इसलिए गायन है परमात्मा ब्रह्मा द्वारा नई सृष्टि की स्थापना करते हैं।
तो आकाश यानी space यानी खाली जगह। तो शरीर की एक ऐसी कर्मेन्द्रिय है जिसमे space यानी खाली जगह है और वह बोलने के काम भी आती है, वह कर्मेन्द्रिय है मुख। तो आकाश हुआ ब्रह्मा मुख जिस द्वारा ईश्वर भविष्य का सत्य ज्ञान सुनाकर इस सृष्टि का और समस्त मनुष्य आत्माओं का कल्याण करते हैं।
अपने नज़दीकी ब्रह्माकुमारीज सेंटर पर निशुल्क राजयोग (भविष्य का सत्य ज्ञान) सीखने के लिए आपका सदा स्वागत है।
English Translation:
The true meaning of the heavenly voices described in the scriptures:
Often in the scriptures, we hear and read about different heavenly voices. It is also said that he had some prophetic predictions. Now it is a matter to think that the sky is only an element, so how can the sky predict the future by speaking something? With this question, we are not denying the talk of the sky-vanies mentioned in the scriptures, but yes, we will definitely know the true meaning of the sky-vanies.
First of all, let’s talk about the prediction which is given in Akash Vani, Bhavishya + Vani i.e. the speech uttered for the future. So the authority and power to make true predictions cannot be in anyone except the Supreme Soul. Now why this prophecy was given only through the element of sky? Why not say words like Vayu Vani, Bhumi Vani etc. instead of Akash Vani? Another thing in the importance of the sky element is that whenever a human soul remembers God, his eyes always go toward the sky element.
He now comes and gives us knowledge for the future new world through the mouth of the body that he fixes and names the soul whose body he appoints as Brahma. That is why it is singing, the Supreme Soul establishes the new world through Brahma. So sky means space means empty space. So the body has such an organ in which there is space i.e. empty space and it is also useful for speaking, that action is the mouth.
So the sky became the mouth of Brahma, through which God, by narrating the true knowledge of the future, blesses this world and all human souls. You are always welcome to learn Raja Yoga (true knowledge of the future) at your nearest Brahma Kumaris Center for free.
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